दो राज्यों में वोटर लिस्ट में नाम होने पर प्रशांत किशोर को चुनाव आयोग का नोटिस

Hindi Reporter
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Bihar Assembly Election 2025 : जन सुराज पार्टी के संस्थापक और जाने-माने चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर मुश्किल में नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है, क्योंकि उनका नाम दो अलग-अलग राज्यों — बिहार और पश्चिम बंगाल की मतदाता सूचियों में दर्ज पाया गया है ।


तीन दिनों में देना होगा जवाब

सूत्रों के मुताबिक, करगहर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी ने प्रशांत किशोर को तीन दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। उनसे पूछा गया है कि आखिर कैसे उनका नाम एक ही समय पर दो राज्यों की वोटर लिस्ट में दर्ज हो गया।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी मुख्यालय का पता

आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। उनका पता 121, कालीघाट रोड, कोलकाता दर्ज है — यही स्थान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का मुख्यालय भी है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का निर्वाचन क्षेत्र है। यहां उनका मतदान केंद्र सेंट हेलेन स्कूल, बी रानीशंकरी लेन में बताया गया है।

गौरतलब है कि 2021 के बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान प्रशांत किशोर ने टीएमसी के लिए राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में काम किया था।

बिहार में भी पंजीकृत मतदाता

वहीं, बिहार में प्रशांत किशोर का नाम सासाराम संसदीय क्षेत्र के करगहर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल है। उनका मतदान केंद्र रोहतास जिले के कोनार गांव स्थित मध्य विद्यालय में है। यही उनका पैतृक गांव भी है।

कानूनी प्रावधान क्या कहते हैं

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं करवा सकता।

वहीं, धारा 18 में यह स्पष्ट किया गया है कि एक ही निर्वाचन क्षेत्र में भी किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक बार नहीं होना चाहिए।

अगर किसी मतदाता का निवास स्थान बदल जाता है या रिकॉर्ड में कोई गलती होती है, तो वह फॉर्म-8 भरकर अपना नामांकन संशोधित या स्थानांतरित कर सकता है।

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