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| आकाश शर्मा आज़ाद , आगरा उप्र |
इश्क में मेरे दिल को ठुकरा कर क्यों तोड़ दिया तूने,
इश्क में मेरे दिल के टुकड़े टुकड़े करके, तबाही के
रास्ते पर मेरी अंतिम सांस तक, तड़पने के लिए,
मुझे क्यों छोड़ दिया तूने, ऐसा क्या चाहिए था तुझे,
ऐसी कौन सी ख्वाहिश थी तेरी जो, मै पूरी न कर सका !!
वो कौन खुश नसीब है, किसके कहने पर, तूने मेरे दिल पर,
ये धोखे का खंजर चलाया है, मेरे दिल को बंजर जमीन
बनाया है तूने, मुझे इश्क से नफरत करना सिखाया है, तूने
तुझे जाना है मेरे दिल से, बेशक चली जाना, जाने की पूरी इजाजत है तुझे, पर मेरे इश्क को तूने किसके खातिर
बेच है दिया बाजार में, वो खूबसूरत नाम ज़रा बता कर जाना
फिक्र मत कर तू, मै, कुछ कहूंगा नहीं तेरे दिल के उस,
नाजायज मेहमान से, मैं बस उस चेहरे को, एक बार देखना चाहता हूं, जिसने मेरे दिल से, मेरी मोहब्बत को, छीनकर,
मेरी मोहब्बत के दिल पर, अपना नाम लिख दिया !!
तू मिलने की इजाजत देगी ना मुझे,अपनी दूसरी मोहब्बत से यही मेरी आखिरी ख्वाहिश है, तेरा हाथ किसी गैर के हाथों में देने से पहले, एक और अर्जी है मेरी तुझसे,
अगर तू माने तों अपने दिल की बात कहूं मैं तुझ से,,
तेरे हाथों में मैं अपने हाथ से, तेरी मोहब्बत का नाम लिखना चाहता हूं, मैं अपने हाथों से तुझे दुल्हन बनाकर,
तुझे तेरी कहानी के, खूबसूरत अंजाम तक पहुंचाना चाहता हूँ, अब इतना हक तो है ना मेरा तुझ पर, हमारा भी कभी दिल का रिश्ता रहा है, यह याद है ना तुझे, मुझे पूरा यकीन है, अब इतना हक तों, तू देगी मुझे खुद पर,
तेरी डोली को अपना कंधा देकर,
तुझे अपनी महफिल से विदा करूंगा मैं
तुझे मेरी मोहब्बत की यादें याद है कि नहीं
अब यह देखना चाहता हूं मैं,
तूने अपने दिल को कितना पत्थर बना रखा है
मैं तेरे दिल के किसी कोने में
तेरी यादों में,
अभी भी रहता हूं या नहीं
आज मुझे यह तेरी आंखें बताइगी
तूने मुझे तो बर्बाद करके छोड़ ही दिया है
तू जिसके साथ नई जिंदगी की शुरुआत करने जा रही है
बता कर तो जा
तू उसका साथ उम्र भर निभाएगी
या नहीं
मैं जानता हूं तू मुझे भूल जाएगी,
तुझे भूल ही जाना चाहिए मुझे,
नहीं तो तेरी इज्जत इस दुनिया में
भरे बाजार में उछालीं जाएगी,
ये, दुनिया काला कलंक लगाए तेरे नाम पर
ये, मुझे मंजूर नहीं है आज भी
क्योंकि तू मेरी जिंदगी का,
पहला इश्क थी,
मेरी सांसों में महकता एहसास भी,
तू ये किसी से मत कहना,
कि तूने अपनी कहानी मे,
किसी के इश्क की कहानी का
खूबसूरत आईना तोड़ा है
यह वसुंधरा यकीन नहीं कर पाएगी,
इस सृष्टि से इश्क की हस्ती मिट जाएगी,
तूने इश्क को बदनाम किया है,,,
मेरे नसीब में तो,
तेरी याद में मरना लिखा है
तुझे भी रातों को कहा नींद आएगी
तू मुझे भूल भी जाएगी मगर
मैं तेरे इश्क की किस्सों की कहानी बन चुका हूं,
मैं तेरी कहानी का एक हिस्सा बन चुका हूं,
अपनी कहानी को, अपने दिल की धड़कन से
कैसे निकल पाएगी तू
बरसों बाद जब बूढी हो जाएगी तो,
जब जिक्र होगा तेरी जवानी का,
अपनी जवानी में मुझे पाएगी तू
लेखक - आकाश शर्मा आज़ाद, आगरा उप्र
