करौली ( राजस्थान ) । राजकीय कन्या विद्यालय करौली में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत राज. सरकार द्वारा चलाए जा रहे नई किरण-नशा मुक्ति केंद्र में होने वाले व्याख्यान माला की श्रृंखला मे डॉ. प्रेमराज मीना मनोचिकित्सक ने छात्राओं के सम्मुख 'नशा एक अभिशाप, कारण एवं निवारण' विषय पर विस्तृत रूप से अपना प्रभावी व्याख्यान दिया।
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| Dr Premraj Meena , Karauli |
डॉ प्रेमराज मीना ने नशा नहीं करने के कर्म की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि युवाओं में नशे की लत बढ़ती जा रही है जिससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। लगभग 35% युवा पीढ़ी विभिन्न प्रकार के नशे की आदि हो रही है। तम्बाकू, शराब, सिगरेट, गांजा भाँग, अफीम, स्मैक आदि की शौकीया तौर पर बुरी संगत से हुई शुरुआत अंत मे नशे का आदि बना देती है। जिससे सामाजिक विघटन, पैसा, श्रम शक्ति, मान मर्यादा का हाश हो जाता है।
डॉ.अदिति ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिन कर्म से युवाओं मे नशा करने की प्रवृत्ति बढ़ती है उन्हें जड़ से समाप्त करना होगा। इसके लिए पांच उपाय बताएं, दृढ़ संकल्प शक्ति, नशे के साथ वाले लोगों को छोड़ना, पारिवारिक और सामाजिक संबंध का सहारा, जरुरी उपचार और अंत में किसी भी परिस्थिति में नशे की आवृत्ति को प्रारंभ नहीं करना। साइकेट्रिक नर्स गौरव गोयल ने राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अपने विचार रखें और युवाओं में बढ़ती हुई आत्महत्या की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए आत्महत्या के कारण और निवारण पर प्रकाश डाला।
यदि किसी युवा के मन में कभी ऐसे कुछ बुरे विचार उठे तो उन्होंने 14416 नंबर पर कॉल कर परामर्श लेना चाहिए जो प्रतिदिन हर पल खुला रहता है इस पर प्रशिक्षित काउंसलर्स बैठते जो समस्या का तत्काल समाधान करते हैं। प्राचार्य प्रोफेसर जमनालाल मीणा ने नशा मुक्ति की ऐतिहासिक व्याख्या की।
मंच संचालन प्रभारी ऋषि कुमार शर्मा ने किया। इस मौके पर डॉ. हरिकेश मीना, डॉ. अरविंद मीना, बहादुर सिंह मीणा, सुमेर सिंह मीणा, श्रीमती उमा, डॉ मंजू शर्मा, नेहा, रिंकी गुप्ता आदि उपस्थित थे।अंत मे सभी ने नशा मुक्ति की शपथ ली। छात्राओं ने करतल ध्वनि से कार्यक्रम समापन किया।
