टूटे दिल । रेखा शाह आरबी

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Photo : रेखा शाह आरबी 


 बाग उजड़ा है तो..कुछ तो असर रहेगा 

नई उम्मीदों को नही अब एक घर रहेगा ,


माने हर तरफ चुप्पी खालीपन सन्नाटा है 

चुभेंगे पर पतझड़ का नहीं डर रहेगा ,


उड़ेंगे रह रह के धूल गूबार धुंआ दिल में 

पर खुद को कदर करने का फक्र तो रहेगा, 


नहीं रहता सदा चमन में मौसम एक जैसा 

बदलाव का कुछ ना कुछ मंजर तो रहेगा ,


फकीरों से मांगी खुद के जो हक में दुआ 

बोले..हम दे तो तब जब किस्मत में रहेगा,


गल गई धूप पिघल गई चांदनी बुझे सितारे 

लगता है अब आसमान तक असर रहेगा,


लेखिका - रेखा शाह आरबी

बलिया ( उत्तरप्रदेश )

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