नरेश मीणा 2028 में दो सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी में, हिंडोली से लड़ सकते हैं

Hindi Reporter
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Rajasthan News - राजस्थान की सियासत में नरेश मीणा लगातार चर्चा में रहते हैं तीन विधानसभा चुनाव में लगातार हार मिलने के बाद भी नरेश मीणा के हौसले पस्त नहीं हुए हैं । अबकी बार माना जा रहा है कि मैं 2028 में दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं । बूंदी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुछ संकेत मिले हैं जो की हिंडोली विधानसभा क्षेत्र में लड़ने की ओर करते हैं ।

हिंडोली विधानसभा से लड़ सकते है चुनाव -

नरेश मीणा ने बूंदी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हिंडोली विधानसभा सीट से 2028 में चुनाव लड़ने का संकेत दिया है । माना जा रहा है कि अबकी बार नरेश मीणा 2028 में दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं । अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए यह भारी हो सकता है क्योंकि अशोक चांदना के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है । 


भगत सिंह सेना संगठन का निर्माण -

हाल ही में नरेश मीणा ने 9 दिसंबर को भगत सिंह सेवा संगठन का निर्माण किया है और उन्होंने इसे विस्तार की भी घोषणा की है । भगत सिंह सेना संगठन का विस्तार हर गांव में किया जाएगा । नरेश मीणा का मानना है कि इससे संगठन को मजबूती मिलेगी ।

नरेश मीणा गत दिनों जयपुर में शहीद स्मारक में आंदोलन पर बैठे थे तब उनकी तबीयत खराब होने के दौरान उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां हिंडोली के विधायक अशोक चांदना भी उनसे मिलने गए थे लेकिन अंता विधानसभा उपचुनाव में अशोक चांदना ने नरेश मीणा के खिलाफ प्रचार कर उन्हें जमकर घेरा । अशोक चांदना का एक बयान काफी चर्चाओं में भी रहा था ।

कांग्रेस से बार बार टिकट मांगते रहे -

नरेश मीणा ने बार-बार कांग्रेस से टिकट मिलने की आश की लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया । इसके बाद भी नरेश मीणा चुप नहीं बैठे और निर्दलीय चुनाव लड़ा, हालांकि सभी चुनाव में नरेश मीणा को हार का सामना करना पड़ा है । अंता विधानसभा उपचुनाव में नरेश मीणा ने भाजपा और कांग्रेस दोनों नेताओं को काफी कड़ी टक्कर दी थी लेकिन उसके बाद भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा ।

निष्कर्ष - 

नरेश मीणा अपने बयानों को लेकर विवादों में बने रहते हैं जिसके कारण उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है । अब देखना यह है कि नरेश मीणा किस तरह से अपने व्यवहार को बदलते हैं और किस तरह से लोगों के बीच जाकर उनसे समर्थन की मांग करते हैं और उनका जो परिणाम 2028 में आने वाला है वह क्या रहता है! सबसे महत्वपूर्ण यही है कि उनका व्यवहार कैसा रहता है उनके व्यवहार के ऊपर उनके काफी वोट भी निर्भर कर रहे हैं क्योंकि राजस्थान की राजनीति में यह दमदार चेहरा माना जा रहा है ।

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